तुमने साध ली चुप्पी
गुनाहगार हम हो गये
आईने क्या बोलेंगे
झूठे किरदार हो गये
क्या समझाएंगे साहेब?
बच्चे समझदार हो गये
आलीशान मकानों के
मां-बाप चौकीदार हो गये
रिश्ते नाम के रहे गये
संबंध व्यापार हो गये
फ़क़ीर थे जो कल तक
आज जमीदार हो गये
प्रबोध उनियाल
तुमने साध ली चुप्पी
गुनाहगार हम हो गये
आईने क्या बोलेंगे
झूठे किरदार हो गये
क्या समझाएंगे साहेब?
बच्चे समझदार हो गये
आलीशान मकानों के
मां-बाप चौकीदार हो गये
रिश्ते नाम के रहे गये
संबंध व्यापार हो गये
फ़क़ीर थे जो कल तक
आज जमीदार हो गये
प्रबोध उनियाल