नववषर्ष  शुभ

कोहरे  मे डूबे  समय
उगते सूरज की उपस्थित 
और दिनचर्या
कुछ बदली तो है।
नये साल की इच्छा की तरह
दौड़  रहे  बचपन की याद लिए,
और आने वाले  समय के लिए  तैयारी करते हुए ।



बदलते हैं  साल,


बदलतीं हैं  कलैन्डर की तारीखें, 
बदलतीं हुई इच्छाओं  के बीच।


ढूंढते हैं हम
ठहाके  लगाने  वाले लोगों के बीच 
मजदूर  की सच्ची  मुस्कान, 
ऐसे  ही स्वागत करेंगे  एक दिन
नये साल  का.. 


नववषर्ष  शुभ. 


___ डाअतुल शर्मा