जानिए आखिर क्यों रोज नहाना हो सकता है घातक            

 पानी की कमी से जूझते देश में जहाँ लगभग 40% लोगों को पीने तक का पानी उपलब्ध नहीं है वहीं कुछ लोग रोज नहाने की दलील दे जाते है ! इन लोगों को ये ध्यान नहीं होगा जब देश अनाज की कमी से जूझ रहा था उस वक़्त शास्त्रीजी ने लोगों से सप्ताह में एक दिन उपवास का आह्वान किया था ! आज फिर हमें एक शास्त्री की जरूरत है जो पानी बचाने का आह्वान करे ! 
और नहाने जैसा कार्य तो अवैज्ञानिक और असामाजिक भी है ! फिर ये क्यूँ करें ? 



असामाजिक के पीछे की दलील तो नहाने के नाम में हि छिपी है ! जो शब्द "न" से शुरू होकर "ना" पर खत्म हो ऐसा कार्य करें हि क्यूँ ? 


और फिर नहाने के कितने नुकसान है ये बात शायद रोज नहाने की दलील देने वालों को पता हि नहीं ! तो आज जानते है नहाने के नुकसान और न नहाने के फायदे -


कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के स्किन स्पेशलिस्ट डॉ. जॉन ऑक्फर्ड कहते हैं कि ज्यादा देर तक नहीं नहाना चाहिए, 15 मिनट पानी में रहने से आपकी त्वचा ड्राई हो सकती है !


डॉ. रॉबिन चुटकन के मुताबिक साबुन से रोज नहाना हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को नुकसान पहुंचाता है ! साबुन ऐसे बैक्टीरिया को शरीर से हटा देता है जो त्वचा का ख्याल रखते हैं ! 


त्वचा विशेषज्ञ स्कॉट काये कहते हैं कि गाल की त्वचा बहुत संवेदनशील होती है और सर्दियों में लोग गुनगुने पानी से नहाते है, ठंडी त्वचा पर गुनगुने पानी की फुहार उसे नुकसान पहुंचाती है ! ये रोमछिद्रों को संवेदनशील बना देती है जिससे कील मुंहासों की समस्या पैदा होती है ! 


हेयरड्रेसर ऐंड्रयू बार्टन कहते हैं कि रोज गर्म पानी बालों के लिए कतई अच्छा नहीं होता ! यह तैलीय ग्रंथियों को नकुसान पहुंचाता है ! जिससे बाल झड़ने, असमय सफेद होने जैसी समस्याएं उत्पन्न होती है ! 


यूटा यूनिवर्सिटी के जेनेटिक साइंस सेंटर का कहना है कि रोज नहाने से त्वचा के ऊपर और अंदर मौजूद ह्यूमन माइक्रोबाइयोम (बैक्टेरिया का समहू), वायरस और अन्य माइक्रोबस नष्ट हो जाते हैं, जो कि हमारी सेहत के लिए जरूरी है ! माइक्रोबियल इकोसिस्टम के साथ छेड़छाड़ करने से बीमारियां पनप सकती हैं. नतीजतन इम्यून सिस्टम, डाइजेशन और यहां तक कि हृदय को भी खतरा हो सकता है ! 


कुछ लोग अपने रोज नहाने की आदत को पहले ही छोड़ चुके हैं. उदाहरण के तौर पर हम 'द अटलांटिक' के सीनियर एडिटर जेम्स हैमब्लिन को लेते हैं ! इन्होंने अपने न नहाने के अनुभव को जून 2016 के पब्लिश एक आर्टिकल में लिखा था !  
जेम्स लिखते हैं -
शुरू-शुरू में जानवरों की तरह महक आने लगती है ! सब कुछ काफी ऑयली लगता है ! लेकिन धीरे-धीरे बॉडी एडजस्ट करना शुरू कर देती है ! लेकिन कुछ समय के बाद शरीर स्थिर अवस्था में पहुंच जाता है ! 
जेम्स कहते हैं, ''आपके अंदर से गंध आनी बंद हो जाती है. आप गुलाब जल या एक्स बॉडी स्प्रे की तरह तो नहीं महकते, लेकिन शरीर से बुरी गंध भी नहीं आती ! आपसे सिर्फ एक इंसान की तरह गंध आती है !"