तुम समझ नही पाए... मोहब्बत तुम्ही से थी ! तुम जान नहीं पाये
हम आखों से कहते रहे, तुम समझ नहीं पाये
तेरे दिदार को संजाफ पे थे बैठे हुए
कुछ तो मजबूरी होगी तेरी, तूम आ न पाये
हम ने काट ली जिन्दगी आधी,
पर तेरा आने का इंतजार खत्म न हुआ
अब तो संजाफ भी हंसने लगा,
और बोल, इंतजार खत्म नहीं होगा तेरा
न वो आ पाये, न तुम जा पाये.
..............मनीष मेहता