केंद्र सरकार के अनुसार इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद अब कोई भी बेरोजगार नहीं रहेगा, क्योंकि अब इंजीनियरिंग कॉलेजों में कैंपस प्लेसमेंट 52 से बढ़ाकर 100 फीसदी किया जा रहा है। क्योंकि केंद्रीय सरकार परंपरागत कोर्स को रिडिजाइन कर रही है। जिसका जिम्मा की वर्किंग ग्रुप को दिया गया है, यह ग्रुप कई सारे कोर्सों को रिडिजाइन करेगा। जैसे कि इलेक्ट्रॉनिक,केमिकल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, कंप्यूटर साइंस, सिविल इंजीनियर आदि। इस ग्रुप में आईआईटी, नेसकॉम, एप्पल ,गूगल, एसोचैम, व गूगल के कई प्रतिनिधि शामिल हैं ।
केंद्र के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार बाजार की मांग के आधार पर कोर्स को पहले भी रिडिजाइन किया गया था। इंजीनियरिंग में रोजगार बढ़ाने के लिए आईआईटी व एआईसीटीई ने पाठ्यक्रम ट्रेनिंग समेत कई कोर्स डिजाइन किये थे। जिसके कारण शैक्षिक सत्र 2018-19 में कैंपस प्लेसमेंट पिछले सत्र के मुकाबले 7 फीसदी बढ़कर 52 फीसदी तक पहुंच गया था। आपको बता दें कि आईआईटी की कमेटी ने 2017 में केंद्र सरकार को परंपरागत रोजगार न कराने वाले कोर्स को खत्म करने का सुझाव भी दे दिया था। और इन सभी कोर्सो की सीटें अन्य कोर्सों में शिफ्ट करने की सिफारिश की थी। जिसके कारण इंजीनियरिंग कॉलेजों में ऐसे कोर्सों में सीटों की काफी कमी की गई थी।