उत्तराखंड वासियों ने धूमधाम से मनाया इगास, मगर सरकार की अपेक्षा ने किया उदास

(देहरादून )जहाँ एक ओर उत्तराखंड में आज इगास का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है वहीं उत्तराखंड सरकार ने उत्तराखंड के इस महत्वपूर्ण पर्व पर विभिन्न संगठनों व राज्य बाल आयोग की उस अपील को भी नजर अंदाज कर दिया जिसमे की ईगास के मौके पर राज्य मे अवकाश घोषित करने की मांग की गई थी जबकि छठ पूजा पर सार्वजनिक अवकाश राज्य सरकार ने घोषित किया था किंतु अपने ही पौराणिक पर्व पर आग्रह के बावजूद भी त्रिवेन्द्र सरकार ने छुट्टी घोषित करने की जहमत नही फरमाई जिसके कारण उत्तराखंड की जनता अपने को ठगा सा महसूस कर रही है । आपको बता दें की  ईगास का त्योहार पूरे गढ़वाल में बड़े ही धूमधाम व उत्साह के साथ मनाया जाता है। जिसके पीछे पौराणिक मान्यताओं के अनुसार श्री राम के वनवास से अयोध्या वापस आने पर लोगों ने कार्तिक कृष्ण अमावस्या को दीये जलाकर उनका स्वागत किया था। लेकिन गढ़वाल में श्री राम के वापिस आने की खबर दीपावली के ग्यारह दिन बाद कार्तिक शुक्ल एकादशी को मिली। इसलिए ग्रामीण लोगों ने अपनी खुशी को जाहिर करने के लिये एकादशी को दीपावली का त्यौहार मनाया।     एक मान्यता यह भी है की गढ़वाल राज्य के सेनापति वीर भद्र माधो सिंह भण्डारी जब दीपावली पर्व पर लड़ाई से वापिस नहीं लौटे तो सभी जनता काफी दुखी हो गयी थी और उन्होंने उत्सव नहीं मनाया इसके ठीक ग्यारह दिन बाद एकादशी पर जब राजा लड़ाई जीत के वापिस आये तब उनके लौटने की खुशी में जनता ने दीपावली मनायी औऱ फिर इसे ईगास पर्व का नाम दिया गया।