अयोध्या फैसला:- वहीं बनेगा मंदिर ! मस्जिद को मिलेगी 5 एकड़ जमीन

सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर और बाबरी मस्जिद का रास्ता किया साफ दिया न्यायिक फैसला । सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या पर ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने विवादित जमीन रामलला समिति   को दी है। साथ ही सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद के लिए अयोध्या में कहीं भी पांच एकड़ जमीन देने को कहा है जिसके लिए केंद्र सरकार को जगह निर्धारित करने के लिए समय दिया गया है। वहीं, कोर्ट में निर्मोही अखाड़ा के सभी दावे खारिज हो गई है।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सुबह 10:30 बजे अपना फैसला सुनाना शुरू किया। सी०जे०आई ने कहा बाबर के समय मीर बाकी ने मस्जिद बनवाई थी। 1949 में दो मूर्तियां रखी गई थी। बाबरी मस्जिद हिंदू स्ट्रक्चर के ऊपर बनाई गई। यह मस्जिद समतल स्थान पर नहीं बनाई गई।
स०आई की खुदाई में 21वीं सदी में मंदिर के साक्ष्य मिले है। सी०जे०आई ने कहा की खुदाई के साक्ष्यों को अनदेखा नहीं कर सकते हैं। खुदाई में इस्लामिक ढांचे के सबूत नहीं मिले थे। सी०जे०आई ने यह भी कहा कि अंग्रेजों के आने से पहले हिंदू वहां राम चबूतरे और सीता रसोई पर पूजा होती रही थी। ऐसे में कोर्ट ने विवादित स्थल का अंदरूनी और बाहरी चबूतरा ट्रस्ट को देने का अदेश दिया।
सी०जे०आई ने कहा है कि ए०एस०आई की खुदाई में जो चीजें मिली हैं उसे हम खारिज नहीं कर सकते हैं। आस्था और विश्वास पर कोई सवाल नहीं है किन्तु आस्था पर फैसला नही सुनाया जा सकता सी०जे०आई ने कहा श्रीराम का जन्म अयोध्या में ही हुआ था इसमें कोई शक नहीं है। ऐसे में रामलला को कानूनी मान्यता दी जाती है।
सी०जे०आई ने कहा कि 1856 से 57 तक उस स्थान पर हिंदुओं को पूजा करने से रोका नहीं गया था। सदियों से हिंदुओं द्वारा वहां पूजा किए जाना यह साबित करता है कि उनका विश्वास है उस स्थान पर रामलला विराजमान है। सी०जे०आई ने कहा कि बाहरी प्रांगण में हिंदू पूजा करते रहे हैं।
हाईकोर्ट ने इस मामले के तीन हिस्से किए ये तार्किक नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को तीन महीने में मंदिर निर्माण की योजना बनाकर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं । कोर्ट मुस्लिम पक्ष को दूसरी जगह जमीन देने का आदेश देते हुए कहा कि मुस्लिम पक्ष को दूसरी जगह 5 एकड़ जमीन दी जाए।