आखिर कब तक हमारे बच्चे होते रहेंगे निजी स्कूलों और इन पर लगाम लगाने वाले विभागों की लापरवाही का शिकार

साथियों आये दिन निजी स्कूलों मे मासूम बच्चों के साथ दुर्घटनाओं का सिलसिला चलता रहता है और उसी तर्ज पर हमारा राज्य बाल आयोग भी सिर्फ बयानबाजी करके  अपनी पीठ थपथपाकर और अखबारों मे सुर्खियां बटोरने तक ही सीमित है अभी गढ़वाल मे एक निजी स्कूल के और उसके ड्राइवर की लापरवाही से मैक्स दुर्घटना मे मारे गए 8 मासूम बच्चों का केस अभी कोर्ट ने शुरू भी नही किया था कि तभी विकास नगर मे भी एक निजी स्कूल की वैन बच्चों समेत दुर्घटना ग्रस्त हो गयी थी अच्छी बात ये रही कि इस दुर्घटना मे कोई बच्चा हताहत नही हुआ था । ताजा घटना कल शनिवार को उस समय घटी जब बच्चों से भरी एक निजी स्कूल की बस अंधाधुंध लोगों और वाहनो को टक्कर मारती हुई दुर्घटनाग्रस्त हो गयी । इस बस दुर्घटना मे तीन बच्चों सहित कुल 12 लोग घायल हो गए बस अफजलगढ़ रोड़ स्थित एक निजी स्कूल की बताई जा रही है जो कि स्कूली बच्चों व शिक्षिकाओं को लेकर काशीपुर के लिए जा रही थी और चालक ने अपना नियंत्रण बस से खो दिया। जिस कारण बस एक ई-रिक्शा, और एक ऑर्केस्ट्रा चालक को टक्कर मारते हुए दुर्घटनाग्रस्त हो गयी। बस रुकते ही मौके से बस चालक फरार हो गया । अब सवाल यहां ये उठता है कि जब कल 09 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस पर सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी को बन्द रखने के निर्देश जारी किए गए थे तो ये स्कूल कैसे खुला था और यदि स्कूल खुला भी था, तो दुर्घटना होने के पश्चात  अब तक  पुलिस , और साशन प्रसाशन व शिक्षा विभाग ने निजी  स्कूल के खिलाफ क्या कदम उठाया है । क्या बस मे स्कूल द्वारा सभी नियम फॉलो किये जा रहे थे । राज्य बाल आयोग द्वारा देहरादून से लेकर नैनीताल तक बैठकों मे निजी स्कूलों को निर्देश और आदेश देने के बयान अखबारों मे सुर्खियां बटोरते देखे जा सकते हैं । यदि राज्य बाल आयोग इन दुर्घटनाओं को लेकर इतना ही संजीदा है तो अब तक इस दुर्घटना पर राज्य बाल आयोग , शिक्षा विभाग व राज्य सरकार द्वारा क्या कदम उठाया गया है या इस बार भी सिर्फ ये दुर्घटना अखबारों की सुर्खियां बनकर रह जाएगी और सिर्फ एफआईआर और मुकदमे की जांच तक ही सीमित रहेगी या फिर कभी किसी स्कूल को दण्डित भी किया जाएगा । इस दुर्घटना को लेकर नैशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स ( NAPSR ) द्वारा आज ही अपना फर्ज निभाते हुए NCPCR और SCPCR व संभागीय परिवन अधिकारी को निष्पक्ष जांच हेतु मेल कर दी गयी है । अब  देखना यह है कि इनमे से कौन सा विभाग बच्चों की दुर्घटना के प्रति संजीदा होकर निजी स्कूल के खिलाफ कार्यवाही करता है ।