यूँ तो आज सम्पूर्ण भारत ही प्रदूषण का शिकार है। किन्तु सोचने वाली बात है कि क्यों दिल्ली के ही वातावरण में जहर घुल रहा है? क्या केवल पराली जलाने से ही दिल्ली का वातावरण प्रदूषित हो रहा है, या इसके पीछे कारण कुछ और भी है?
यूँ तो समय - समय पर सरकार द्वारा चलाये गये अभियानो में सफ़ाई का अभियान भी एक महत्वपूर्ण अभियान है, लेकिन क्या हम उनका पालन करते हैं, या नही?
वैसे तो वातावरण को जहरीला बनाने मे मनुष्य का सबसे बड़ा हाथ रहा है, जिसके कारण दिल्ली के कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 500 के करीब पहुंच गई।
दिल्ली एनसीआर की ज़हरीली हवा को कम करने के लिए दिल्ली सरकार ने ऑड-इवन फॉर्मूला लागू कर दिया है। डॉक्टर सलाह दे रहे हैं कि जब तक जरूरी न हो, घर से बाहर न निकले, किन्तु सवाल यह उठता है कि क्या घर के अंदर की हवा शुद्ध है, या नही?
लेकिन क्या हम थोड़ा सा प्रयास करके वातावरण को शुद्ध नही कर सकते?
बिल्कुल कर सकते हैं। इस के लिए बस हमें थोड़ी सी मेहनत करनी है।
हम घर में, घर के बाहर, कई पौधे लगा कर वातावरण को शुद्ध कर सकते हैं।
और ये हम नही बल्कि कानपुर आई आई टी में हुए शोध में साबित हुआ है, कि एरिका पाम,मदर इन लॉ टंग और मनी प्लांट प्रदूषण को सोख लेते हैं और हवा को शुद्ध करते हैं।
आखिर दिल्ली की हवाओं में क्यों घुल रहा जहर?