नेशनल एसोसिएशन फॉर पेरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राईट्स NAPSRk की मेहनत लाई रंग

देहरादून (उत्तराखंड)  नैशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स ( NAPSR ) की मेहनत लायी रंग शिक्षा विभाग ने नियमविरुद्ध चल रहे स्कोलर होम व चिल्ड्रन होम एकेडमी को भेजा नोटिस*                                                                                                                                        


  
आपको अवगत है कि  नैशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स ( NAPSR ) द्वारा स्कॉलर होम स्कूल की एश्लेहाल शाखा *बिना मान्यता के संचालन के साथ ही RTE वाले बच्चों से शुल्क लेना , CBSE व NCPCR के नियमों के साथ ही माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों की धज्जियां उड़ाने* तथा अन्य मामलों को लेकर राज्य बाल आयोग से शिकायत की थी जिस पर न तो शिक्षा विभाग और न ही बाल आयोग ने स्कूल के विरुद्ध कोई कार्यवाही करने मे रुचि दिखाई थी जिस पर NAPSR द्वारा माननीय उच्च न्यायालय मे जब जनहित याचिका डालने का निर्णय लिया था और जिसको लेकर कल एसोसिएशन के राष्ट्रीय सचिव धर्मेन्द्र कुमार ठाकुर की कल सुबह मुख्य शिक्षा अधिकारी स्कूलों के मुद्दों को लेकर बहस भी हुई थी जिस पर कल *दिनांक 25/09/2019 को मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 18 के अंतर्गत उपधारा (1) व उपधारा (9) के नियमानुसार देहरादून के स्कॉलर होम स्कूल व भानियावाला के चिल्ड्रन होम एकेडमी को नियमविरुद्ध स्कूल संचालित किए जाने को लेकर नोटिस जारी किए हैं* यदि स्कूल द्वारा शीघ्र ही नियमो को पूरा नही किया जाता है तो शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के अनुसार अगले सत्र से हर रोज दस हजार रुपये बतौर दण्ड लगाया जाएगा । किन्तु एसोसिएशन के अध्यक्ष आरिफ खान ने शिक्षा विभाग का आभार व्यक्त करते हुए आशंका भी जताई है कहीं यह नोटिस भी पिछले नोटिसों की भांति मात्र कागज का टुकड़ा बनकर शिक्षा विभाग और स्कूल की फाइलों की शोभा न बढ़ाता रहे इसलिए *आगामी सोमवार दिनांक 30/09/2019 को माननीय उच्च न्यायालय मे हाई कोर्ट की अवमानना करने व अपनी मनमानी से नियम विरुद्ध स्कूलों को संचालित करते हुए अभिभावकों से मोटी फीस लेने के बावजूद उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा व सुरक्षा* मुहैया एक जनहित याचिका दायर करने जा रहे हैं *ताकि सभी स्कूलों मे RTE/CBSE/NCPCR व माननीय उच्चतम न्यायालय* के आदेशों का पालन हो सके ।